आवो म्हारा नटवर नागरिया Avo Mhara Natwar Nagriya




आवो म्हारा नटवर नागरिया पधारो म्हारा नटवर नागरिया
नरसी रे क्यूं नही आयो रे, सन्ता रे क्यों नही आयो रे।।आवो

सेन भगत काई सुसरो लाग्यो, जिनरा कारज सारया रे
गज की बेर क्यों पगा उभानु आय ग्राह ने मारयो रे।।

मीरां काई थारी मौसी लागे, जीन रा शंकट टारया रे
राणा भेज्या विष का प्याला, विष अम्रत कर डारयो रे।।

करमा काईं थारी काकी लागे, जिणरो खीचड़ खायो रे
धाबलिये रे पड़दे माही, लुखो ही गटकायो रे ।।

नानी बाई को मायरो भरता, घणु ज़ोर तने आयो रे।
ब्याही सगा में भुन्डो लागूं, आछो मान घटायो रे।।

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