सारे जहाँ के मालिक, तेरा ही आसरा है।
राजी है हम उसी में जिसमे तेरी रजा है।
हम क्या बताये तुमको, सब कुछ तुझे खबर है।
हर हाल में हमारी, तेरी तरफ नजर है।
किश्मत है वो हमारी, जो तेरा फैसला है।
हाथों को हम दुआ की, खातिर मिलाएं कैसे।
सजदे में तेरे आकर, सर को झुकाये कैसे
मजबूरियां है हमारी, बस तुं ही जानता है।
रोकर कटे या हंस कर , कटती है जिंदगानी
तुं गम दे या खुशी दे, सब तेरी मेहरवानी।
तेरी खुशी समझकर, सब गम भुला दिया है।
दुनियां बनाके मालिक , जाने कहाँ छिपा है।
आता नहीं नजर तुं, बस इक यही गीला है।
भेजा है इस जहां में, जो तेरा शुक्रिया है।
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