आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ।
बालाजी महाराज की बी सच्चे दरबार की ।। आरती
चेत सुदी पूनम को जन्मे माता आज खुशी है मन मे
सोभा बनी है देखो , भक्तो के सरदार की ।
मस्तक मुकुट हीरों का सोहे, कानों में कुंडल
झांकी सजी है देखो, अंजनी के लाल की ।
भक्तों के दुख हरने ताहिं अंजना लाड लडायो मन माही
सब मिलकर के जय बोलो श्री पवन कुमार की ।
जो कोई बालाजी को मनावे, सबका दुखड़ा दूर भगाए
आरती उतारो सब मिल शंकर के अवतार की ।।
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