आवो गणपति मिल के मनायें (Aavo Ganpati MIl Ke Manaaye)



आवो गणपति मिल के मनाएं
सब विघ्नों के विघ्नविनाशक
चरणा शीश नवाएं ।

गंगा जमुना और सरस्वती
संगम जल भर लाएं
चंदन की चौकी पे बेठाके
जल से स्नान कराएं
चम्पा जूही और चमेली
हार गले पहनाएं ।।आवो गणपति

लाल अबीर , गुलाल व सिंदूर
गनपत के मन भाये
मस्तक ऊपर चन्द्र बिराजे
केशर तिलक लगाएं
तीन नेत्र है, अति विशाला
एक दन्त कहलाये।। आवो गणपति

गिरी नारियल पांचों मेवा
भर भर थाल है लाएं
आवो गणपति आन विराजो
मोदक भोग लगाएं
सब देवों के राज दुलारे
रिद्धि सिद्धि चँवर ढुलाये।। आवो गनपति

दुखियों के दुख दूर करो अब
गनपत गोरी लाल
मोहन अर्ज गुजारे दर पे
विनती ना देना टार
फेरूं हरदम नाम की माला
ऐसी कृपा हो जाये।। आवो गणपति




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