समझोता ग़मों से करलो ( Samjhota Gamon Se Karlo)




समझोता ग़मों से करलो... समझोता ग़मों से करलो
जिन्दगी में गम भी मिलते है..... ओ......
पतझड़ आते ही रहते है .... पतझड़ आते ही रहते है 
के मधुवन फिर भी खिलते है .... ओ.....
समझोता ग़मों से करलो... समझोता ग़मों से करलो

रात कटेगी होंगे उजाले .... फिर मत गिरना , ओ गिरने वाले 
इंसा वो खुद सम्भले ओरों को भी सम्भाले ...ओ...
इंसा वो खुद सम्भले ओरों को भी सम्भाले

समझोता ग़मों से करलो... समझोता ग़मों से करलो
जिन्दगी में गम भी मिलते है..... ओ......
पतझड़ आते ही रहते है .... पतझड़ आते ही रहते है 

भुल सभी से होती आई , कोन है जिसने , ना ठोकर खायी 
भूलों से सीखे जो , मंजिल उसने पाई ओ....
भूलों से सीखे जो , मंजिल उसने पाई ओ....

समझोता ग़मों से करलो... समझोता ग़मों से करलो
जिन्दगी में गम भी मिलते है..... ओ......
पतझड़ आते ही रहते है .... पतझड़ आते ही रहते 

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