चाँद सी महबूबा हो मेरी कब Chand Si Mahbooba Ho Meri Kab




चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था
ना शिकवे हैं ना वादे हैं
१) ना रस्में हैं ना कसमें हैं इक सूरत भोली भाली है
जैसा मैंने सोचा था, हाँ ...
दो नैना सीधे सादे हैं - २ ऐसा ही रूप खयालों में था
मेरे दिल में रहना चाहे
२) मेरी खुशियाँ ही ना बाँटे मेरे ग़म भी सहना चाहे देखे ना ख्वाब वो महलों के
जैसा मैंने सोचा था, हाँ ...
इस दुनिया में कौन था ऐसा

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