तर्ज : मेरे रश्के कमर ...... भजन रचना : निरंजन सारडा
बंशी एसी बजाई मेरे श्याम ने , प्यारी धुन को सुना तो मजा आ गया ,
बंशी एसी बजाई मेरे श्याम ने , प्यारी धुन को सुना तो मजा आ गया ,
प्यारी धुन को सुना तो मजा आ गया .........
अपनी सुध बुध भुलाके सभी गोपियां , सांवरे रंग समाई मजा आ गया ,
जादुगारी है बंशी की धुन श्याम की , सुन घटा गिर छाई मजा आ गया !!
तीनों लोकों में धुन बंशी की छा गयी ,
देव नर नारी ऋषियों को भा गयी ......2
यमुना का जल रूका चाँद ठहर गया ......2
देख ऐसा नजारा मजा आ गया .......
बंशी एसी बजाई मेरे श्याम ने , प्यारी धुन को सुना तो मजा आ गया ,
हरे बांशो की बांसुरियां मन भा गयी ,
ढलती रात बजी दिल को तरसा गयी ......2
एसी लचक निराली मेरे श्याम की ......2
राधा हो गयी दीवानी मजा आ गया ......
बंशी एसी बजाई मेरे श्याम ने , प्यारी धुन को सुना तो मजा आ गया ,
वारी वारी मैं जाऊं तेरी बंशी पे ,
लाल निरंजन बलिहारी तेरी बंशी पे ........2
रोज सिमरण करूं तेरा ध्यान धरुं .......2
दर्शन श्यामा का पाऊं मजा आ गया .......
बंशी एसी बजाई मेरे श्याम ने , प्यारी धुन को सुना तो मजा आ गया .....
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